Skip to content

Computer Kya Hai – कंप्यूटर के काम, प्रकार और महत्व।

Computer Kya Hai

Computer Kya Hai in Hindi – आज के ज़माने में इंटरनेट की दुनिया कितना आगे बढ़ चुकी है आपको तो पता ही होगा। आपने देखा होगा की आजकल बहुत सारे लोगों का काम कंप्यूटर खुद ही कर देती हैं। जिसके वजह कितने लोगों की नौकरियां छीन चुकी हैं। आज के ज़माने में आपको अपने दिनचर्या के लिए भी कंप्यूटर की जानकारी होना बहुत जरूरी हैं।

तो चलिए आज मैं आपको Computer Ki Paribhasha बताता हूं। आपको बताते है की Computer Kya Hai इसके क्या काम है। हम इन सब के बारे में आपको विस्तार से बताने वाले है तो आप इस पोस्ट को लास्ट तक ज़रूर पढ़े। यह पोस्ट (Computer Kya Hai) आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाला हैं।

अगर आप भी कंप्यूटर से जुड़े सवालों के ज़बाब पाना चाहते है, चाहे वह “कंप्यूटर क्या होता है” या आप “कंप्यूटर के फायदे या नुकसान” या फिर आप “कंप्यूटर का इतिहास” जानना चाहते हो। आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि इस पोस्ट में मैं कंप्यूटर से जुड़ी सारी जानकारी आपको देने वाला हु।

मैं विश्वास दिलाता हु की अगर आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ लेते है तो आप निश्चय ही बहुत कुछ जान जाओगे कंप्यूटर के बारे में।

इस आर्टिकल में क्या हैं?

Computer in Hindi – कंप्यूटर क्या हैं?

Computer Kya Hai
Computer Kya Hai

कंप्यूटर एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो कई सारे चीज़ों से मिलकर बना होता हैं। जिस से हम कई सारे काम बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं। कंप्यूटर इंगलिश के Compute शब्द से बना हैं, Compute का मतलब होता है गणना करना।

कंप्यूटर का जब अविष्कार हुआ था तब कंप्यूटर को बस गणना करने के लिए ही बनाया गया था। लेकिन धीरे धीरे समय के साथ यह अपग्रेड होता चला गया। वही आज का कंप्यूटर काफ़ी स्मार्ट हो गया हैं क्योंकि आप इसकी मदद कई सारे काम को मिनटों में पुरा कर सकते हैं।

कंप्यूटर को आप इस तरह से भी समझ सकते है की यह किसी भी Data को input के तौर पर लेता है फिर उसे प्रोसेस करके हमे Output के तौर पर रिज़ल्ट दिखाता हैं।

Computer Ki Paribhasha – Definition of Computer in Hindi

कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसके मदद से किसी भी काम को किया जा सकता हैं। आज यह इतना उपयोगी हो चुका है की आपको हर जगह कंप्यूटर मिल जायेगा।

कंप्यूटर में जब आप कोई काम करना चाहते है तो वह इनपुट होता है फिर कंप्यूटर उसे प्रोसेस करके आपको कुछ रिज़ल्ट दिखाता है, वह Output होता हैं। कंप्यूटर का यही काम है की वह किसी निर्देश को इनपुट की तरह लेता है और आउटपुट के रूप में दिखाता हैं।

  • इसमें आपको Keyboard और Mouse Input Device में आते हैं।
  • वही Monitor Output Device में आते हैं।

Meaning of Computer in Hindi – कंप्यूटर का मतलब हिन्दी में।

कंप्यूटर इंगलिश के Compute शब्द से मिलकर बना है, इसीलिए इसका काम Computer पड़ा। Compute का मतलब होता है गणना करना, इसीलिए कंप्यूटर को गणक या संगणक भी कहा जाता हैं।

कंप्यूटर का मतलब – गणक, संगणक

Computer Full Form – कंप्यूटर का फुल फार्म।

अगर आपको कंप्यूटर के फुल फार्म के बारे में नहीं पता है तो आपको बता दू की इंटरनेट पर ऐसे बहुत सारे फुल फार्म बना दिए गए हैं। लेकिन कंप्यूटर का जो सही फुल फार्म है वह इस प्रकार है –

  • C – Commonly
  • O – Operated
  • M – Machine
  • P – Particularly
  • U – Used for
  • T – Technology
  • E – Educational
  • R – Research

Computer का फुल फार्म अगर आप एक सेंटेंस की तरह दिखे तो वह इस प्रकार होगा – Commonly Operated Machine Particularly Used for Technology And Educational Research

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?

सन् 1823 ई में Charles Babbage ने गणना करने वाली एक मशीन बनाई थी। उसी को अपग्रेड करके आधुनिक कंप्यूटर का आविष्कार किया गया। क्यूंकि गणना मशीन Charles Babbage ने बनाई थी इसीलिए उन्हें ही कंप्यूटर का जनक कहा जाता है।

उसके बाद आधुनिक कंप्यूटर का आविष्कार Alan Turing के द्वारा किया गया।

  • Father of Computer (कंप्यूटर के जनक) – Charles Babbage
  • Father of Modern Computer (आधुनिक कंप्यूटर के जनक) – Alan Turing

Generation of Computer – कंप्यूटर का इतिहास।

तो आइए आपको हम बताते है की आखिर कंप्यूटर विकसित कैसे हुआ? कैसे यह शायर धीरे इतना छोटा होता चला गया? कैसे आज कंप्यूटर लोगों की जरूरत बन चुका हैं? कंप्यूटर के इतिहास समझने के लिए इस पांच भागों में बांटा गया हैं।

First Generation of Computer – कंप्यूटर की पहली पीढ़ी – 1940 से 1956 ई तक।

सन् 1940 से लेकर 1956 के बीच में जो भी कंप्यूटर को विकसित किया गया था। वह सारे कंप्यूटर first generation के अंतर्गत हैं। यह एक ऐसा समय था जब कंप्यूटर का साइज बहुत ही ज्यादा बड़ा हुआ करता था। इस समय Circuitry के लिए Vaccum Tube तो वही Memory के लिए Magnetic Drum का इस्तेमाल किया जाता था।

First Generation के कंप्यूटर को रखने के लिए एक पूरे कमरे की जरूरत होती थी, वह आकर में ही इतना बड़ा होता था।

First Generation के कंप्यूटर के कुछ उदाहरण – ENAIC, UNIVAC, EDVAC

Second Generation of Computer – कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी – 1956 से 1963 ई तक।

सन् 1956 से 1963 तक जो भी कंप्यूटर विकसित हुए थे उन्हें दूसरी पीढ़ी के अंतर्गत रखा जाता हैं। पहली पीढ़ी की तुलना में इसका कंप्यूटर का आकार काफी छोटा हो गया और इसके Vaccum Tube के जगह पर Transistor का इस्तेमाल किया जाने लगा।

दूसरी पीढ़ी के जो भी कंप्यूटर विकसित हुएं थे वह काम बिजली की खपत करते थे। साथ ही अब इसमें उपयोग में आने वाली Programming COBOL और FORTRAN थी।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का उदाहरण – IBM 7094, CEC 3600, CDC 1604

Third Generation of Computer – कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी – 1964 से 1971 ई तक।

सन् 1964 से लेकर 1971 ई तक जो भी कंप्यूटर विकसित हो पाए थे उन्हें तीसरी पीढ़ी के अंतर्गत रखा जाता हैं। इस समय में कंप्यूटर में Transistor के जगह पर Integrated Circuit का उपयोग होने लगा। इस समय के कंप्यूटर पहले दोनों पीढ़ी के कंप्यूटर से बहुत ही ज्यादा एडवांस थे।

तिसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार बहुत ही छोटा हो चुका था। इस समय में कंप्यूटर में डाटा को इनपुट करने के लिए Keyboard और Mouse का इस्तेमाल किया जाने लगा था।

तिसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का उदाहरण – IBM 360, ICL 290P

Fourth Generation of Computer – कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी – 1971 से 1985 ई तक।

सन् 1971 से लेकर 1985 तक जो भी कंप्यूटर विकसित हो पाए थे उन्हें चौथी पीढ़ी के अंतर्गत रखा जाता हैं। इस समय में जो भी कंप्यूटर विकसित हुए थे उनमें Microprocessor का उपयोग किया जाने लगा था। इसके Integrated Circuit के अंदर ही कई हजारों Silicon Chip को बनाया जाने लगा, जिसके वजह से इसका आकार बहुत ही ज्यादा छोटा हो चुका था।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत ही एडवांस हो चुके थे। साथ ही इस यह टिकाऊ और सस्ते भी थे। बस इसी वजह से इस पीढ़ी में Personal Computer का भी उपयोग होने लगा।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर का उदहारण – DEC 10, STAR 1000

Fifth Generation of Computer – कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी – 1985 से अभी तक।

1985 से लेकर जो भी कंप्यूटर को विकसित किया गया वह सभी कंप्यूटर पांचवी पीढ़ी के अंतर्गत आते हैं। इस समय में कंप्यूटर को Ultra Large Scale Integration की मदद से बनाया गया, जिससे एक ही Microprocessor में कई लाखो Component को बनाया गया।

आज के कंप्यूटर तो आप देख ही सकते है कितना एडवांस हो चुका। आने वाले समय में AI के कारण कंप्यूटर और भी ज्यादा एडवांस हो जायेंगे।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का उदाहरण – Desktop, Laptop

History of Computer in India – भारत के कंप्यूटर का इतिहास

भारत के कंप्यूटर के इतिहास की बात करे तो पहला कंप्यूटर भारत में सन् 1952 में कोलकाता के भारतीय विज्ञान संस्थान के अंदर लगाया गया था। जिसको लगाया था Dr Dwijish Dutta ने। फिर भारत में दूसरा कंप्यूटर बेंगलुरु के विज्ञान संस्थान में लगाया था। एक दोनों कंप्यूटर एक Analog Computer थे।

लेकिन आपको बताते चालू की भारत में कंप्यूटर की असली शुरूवात सन् 1956 में हुई जब कोलकाता स्थित विज्ञान संस्थान में HEC – 2M नाम के कम्प्यूटर को उपयोग में लाया गया। इसको भारत को पहला Digital Computer भी कहा जाता हैं। इस कंप्यूटर के इस्तेमाल से भारत एशिया का दूसरा ऐसा देश था जिसने कंप्यूटर का इस्तेमाल किया था।

कुछ दिनों बाद सन् 1966 में भारत में ही एक Digital Computer बनाया गया जो भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता और जादवपुर यूनिवर्सिटी के द्वारा बनाया गया। इस कम्प्यूटर का नाम ISIJU रखा गया था। इसके बाद भारत ने कभी कंप्यूटर के दुनिया में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा

Super Computer Made in India – भारत में बनाए गए सुपर कम्प्यूटर।

हमारे भारत देश में भी बहुत सारे सुपर कम्प्यूटर बनाए जा चुके हैं –

  • एका
  • परम सिद्धि
  • प्रत्युष
  • परम इशान
  • आदित्य
  • परम युवा
  • सागा 220
  • अनुपम अध्या

Computer Working Process – कंप्यूटर कैसे काम करता हैं

कंप्यूटर को काम करने के लिए उसे तीन प्रणाली से होकर निकालना होता हैं। जैसे हमने आपको बताया था की कंप्यूटर को जब भी कोई निर्देश दिया जाता है तो वह पहले उसे input के तौर पर लेता है फिर उसे Process करता हैं। फिर उसके बाद रिज़ल्ट को Output के तौर पर दिखाता हैं।।

  • Input – कोई भी यूजर इनपुट के तौर पर ही कंप्यूटर को किसी भी प्रकार का निर्देश देता है की उसे क्या चाहिए। Input Device – Keyboard, Mouse.
  • Processing – कंप्यूटर इनपुट के तौर पर लिए गए निर्देश को Process करता हैं।
  • Output – जब कंप्यूटर निर्देश को प्रोसेस कर लेता है तो उसके बाद वह रिज़ल्ट को Output के तौर पर दिखाता हैं। Output Device – Monitor, Speaker.

Types of Computer in Hindi – कम्प्यूटर के प्रकार

कंप्यूटर को दो आधार पर बांटा गया है, पहला तो है आकार तो वही दूसरा है इसका कार्यप्रणाली।

कार्यप्रणाली के आधार पर

कार्यप्रणाली के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागों में बाटा गया हैं।

1 – Analog Computer

Information को Display करने के लिए Analog Computer, Analog Signal का इस्तेमाल करते हैं। इसका उपयोग भौतिकी चीज़ों जैसे दाब मापने, दिल की धड़कन, तापमान और लंबाई को मापने के लिए किया जाता हैं।

Speedometer और मरकरी भी Analog Computer के उदाहरण हैं।

2 – Digital Computer

Information को Display करने के लिए Digital Computer, Digit का उपयोग करते हैं। इस कंप्यूटर में इनपुट किए गए डाटा को 0 से 1 के बीच में बदलकर Electronic रूप में दिखाते हैं। यह सारे information Text, Image और Graphic के रूप में दिखाता हैं।

Desktop और Calculator Digital Computer के उदाहरण हैं।

3 – Hybrid Computer

Hybrid Computer किसी भी information को Display करने के लिए Analog और Digit दोनों का इस्तेमाल करते हैं। ECG मशीन Hybrid Computer का उदाहरण हैं।

आकार के आधार पर

आकार के आधार पर कंप्यूटर को 4 भागों में बाटा गया हैं।

1 – Micro Computer

Micro Computer का इस्तेमाल Personal Computer के तौर पर ही किया जाता हैं। यह कंप्यूटर सबसे सस्ता होता हैं। इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान होता हैं। यह इसीलिए ही बनाए गए है ताकि हमारे जीवन में हमारे दैनिक ज़रूरी कामों को किया जा सके।

Laptop, Desktop और Notebook इत्यादि Micro Computer के उदाहरण है।

2 – Mini Computer

Mini Computer का आकार Micro Computer की तुलना में ज्यादा होता हैं। इसके काम करने की क्षमता Micro Computer से ज्यादा होता हैं। Mini Computer का इस्तेमाल एक बार में कई सारे लोग एक साथ कर सकते हैं।

3 – Mainframe Computer

Mainframe Computer का आकार और दाम दोनों Micro और Mini Computer की तुलना में बहुत अधिक होता हैं। यह कंप्यूटर इतना शक्तिशाली होता है की एक बार में हजारों लोग इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही इस कंप्यूटर के माध्यम से एक बार में कई सारे काम किए जा सकते हैं।

4 – Super Computer

Super Computer की क्षमता सबसे अधिक होती हैं। इस कंप्यूटर की स्पीड बहुत ही ज्यादा होती हैं और आकर में यह कंप्यूटर बहुत ही बड़ा होता हैं। Super Computer बहुत ही महंगा होता हैं। इस कंप्यूटर का इस्तेमाल कुछ जरूरी कामों के लिए किया जाता हैं।

जैसे – Nuclear Energy Research और मौसम की भविष्यवाणी के लिए किया जाता हैं।

Desktop Computer

Desktop Computer का इस्तेमाल घर या फिर किसी भी प्रकार के ऑफिस में किया जाता हैं। इस कंप्यूटर का इस्तेमाल एक लोगों को काम करने के लिए ही बनाया गया हैं, इसीलिए इसे Personal Computer (PC) भी कहा जाता हैं। Desktop Computer में कई सारे भाग है जैसे – Keyboard, Monitor, Mouse और CPU.

Laptop

Laptop एक तरह का Micro Computer होता हैं, इसमें किसी भी तरह के बाहरी उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया जाता हैं। लैपटॉप में इस्तेमाल किए जाने सभी ज़रूरी उपकरण पहले से ही उसमे लगा हुआ होता हैं। लैपटॉप Desktop की तुलना में काफी छोटे है। Laptop को आप कही भी अपने साथ ले जा सकते हैं।

Part of Computer – कंप्यूटर के भाग

कंप्यूटर एक बड़ा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता हैं। इसके दो भाग होते हैं। इसको Software और Hardware में बांटा गया हैं।

Software

Software कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता हैं। यह एक तरह का ऐसा प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर के किसी भी प्रकार के कामों को संभालता हैं। साथ ही कंप्यूटर को क्या करना है वह निर्देश Software के द्वारा ही मिलता हैं। Software के मदद से ही किसी काम को किया जा सकता हैं। अगर कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर नहीं है तो वह एक मात्र लोहे का डब्बा हैं।

सॉफ्टवेयर को भी दो भागों में बांटा गया है, जिसमे से एक System Software और दूसरा Application Software हैं।

1 – System Software

System Software ही होता है जो कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के बीच संबंध स्थापित करता हैं। System Software चार प्रकार के होते हैं।

  • Operating System – यह एक तरह का Software है जो यूजर और कंप्यूटर में बीच संबंध को स्थापित करता हैं। OS ही हैं जो यूजर के निर्देशों को कंप्यूटर को समझता हैं। जैसे – Windows, Android, iOS, Linux etc.
  • Utility Program – यह एक तरह का सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल सॉफ्टवेयर को सुरक्षा देने के लिए किया जाता हैं। इसका कंप्यूटर के हार्डवेयर से कोई संबंध नहीं होता हैं। जैसे – Antivirus
  • Language Translator Software – यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो किसी भी Programming भाषा को मशीन भाषा में करते हैं।
  • Device Driver – यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो किसी भी Input और Output Device को कंप्यूटर के साथ जोड़ने का काम करता हैं।

2 – Application Software

यह एक तरह का ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो यूजर को कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के काम करने के लिए होता हैं। इसका सीधा संबंध यूजर से ही होता हैं। यह दो प्रकार के होते हैं –

  • Basic Application Software – यह एक तरह का ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जिसके द्वारा यूज़र अपने दैनिक कामों को करने के लिए उपयोग में लाता हैं। जैसे – Multimedia Program, Word Processing Program, Web Designing etc.
  • Special Application Software – जो सॉफ्टवेयर किसी विशेष काम को करने के लिए बनाया गया है उसे Special Application Software कहते हैं। जैसे – Accounting Software, Billing Software, Management System Software etc.

Hardware

Computer कई सारे अलग अलग उपकरणों से मिलकर बना होता हैं। इसे ही Hardware कहा जाता हैं। Hardware के भी कई प्रकार होते हैं।

1 – Input Device

Input Device को आप इस प्राकार समझ सकते है की यह कंप्यूटर को किसी भी प्राकार के निर्देश देने के लिए होता हैं।

  • Keyboard – Keyboard के मदद से कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के Text के रूप में निर्देश किया जा सकता हैं। Keyborad को हिंदी में कुंजीपटल कहा जाता हैं। Keyboard में Typing के मदद से कंप्यूटर का को किसी भी प्रकार का निर्देश दिया जाता हैं।
  • Mouse – Graphic के द्वारा कंप्यूटर को किसी भी प्रकार के निर्देश देने के लिए Mouse का इस्तेमाल किया जाता हैं। जब हम Mouse का इस्तेमाल करते है तो हमारे कंप्यूटर में एक Curser चल रहा होता हैं।
  • Touch Screen – Touch Screen एक तरह का Input Device होता है, जिसके मदद से कंप्यूटर को चलाया जा सकता हैं।

2 – CPU (Central Processing Unit)

  • CPU एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता हैं। जिसके बिना कंप्यूटर में कोई भी क्रम नहीं हो सकता हैं। CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता हैं। CPU दो प्रकार के होते हैं।
  • Control Memory – यह कंप्यूटर को किसी भी प्रकार के दिए गए निर्देश को कंट्रोल करता हैं।
  • Arithemetic Logic Unit – यह एक तरह का ऐसी प्रक्रिया है जैम हजारों अंकगणित क्रियाओं का संचालन होता हैं।

3 – Output Device

किसी भी निर्देश को Process करके दिखाने के लिए Output Device की आवश्कता होती हैं। Output Device भी कई तरह के होते हैं –

  • Monitor – यह कंप्यूटर के द्वारा किसी भी प्रकार के निर्देश को Display करने के लिए होता हैं। यह एक Visual Display Unit भी कहा जाता हैं।
  • Speaker – यह एक तरह का Device होता है जो किसी भी निर्देश को Voice के रूप में दिखाता हैं।
  • Printer – इस Device को किसी भी प्रकार के रिज़ल्ट को कागज़ पर Print करने के लिए बनाया गया हैं।

4 – Memory

Memory कंप्यूटर के लिए किसी भी प्रकार के Data को Store करने के लिए रखा जाता हैं। Memory भी दो प्रकार के होते है – Primary Memory और Secondary Memory

Primary Memory – Primary Memory कंप्यूटर से सीधा जुड़ा होता हैं। यह दो प्रकार के होते हैं।

  • RAM (Random Access Memory) – यह एक तरह का ऐसा मेमोरी है जिसमे किसी भी प्रकार का डाटा अस्थायी रूप से होता हैं। कंप्युटर में जो भी सॉफ्टवेयर होते उसे Run करने के लिए RAM की जरूरत होती हैं। अगर इसके Supply बंद होता है तो इसका सभी डाटा हट जाता हैं।
  • ROM (Read Only Memory) – ROM कंप्यूटर का ऐसा मेमोरी है जिसमे डाटा अस्थायी रूप से स्टोर रहता हैं। ROM में आप किसी भी प्रकार के Data को संरक्षित करके रख सकते हैं। अगर सप्लाई बंद भी हो जाता है तो इसमें स्टोर डाटा सुरक्षित रहती हैं।

Secondary Memory – यह तरह की Permanent Memory होती हैं। जिसका इस्तेमाल किसी भी प्रकार के डाटा का बैकअप लेने के लिए किया जाता हैं।

5 – Motherboard

Motherboard ही कंप्यूटर के CPU का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता हैं। Motherboard के माध्यम से ही सभी उपकरण जुड़ा हुआ होता हैं। जैसे CPU, BIOS, Keyboard, Mouse. सभी उपकरण तक Supply पहुंचाने का काम Motherboard के द्वारा ही संभव हो पाता हैं।

Features of Computer – कंप्यूटर की विशेषताएं

तो हमने आपको Computer Kya Hai बताया अब आपको इसके कुछ विशेषताएं के बारे में बताते हैं।

  • कंप्यूटर के द्वारा लाखों काम एक साथ किए जा सकते है, जो मानव कई सालो में भी नहीं किया जा सकता हैं।
  • कंप्यूटर के द्वारा इसके Internal और External Storage में असीमित डाटा को स्टोर करके रखा जा सकता हैं।
  • कंप्यूटर के द्वारा कोई भी काम गलत नही हो सकता हैं।
  • आधुनिक कंप्यूटर कई सारे कामों को एकसाथ करने में सक्षम होता हैं।
  • कंप्यूटर के इस्तेमाल करने से समय का बहुत बचत होता हैं।
  • कंप्युटर के मदद से आप अपने बहुत सारे कामों को कर सकते हैं।

Use of Computer – कंप्यूटर के उपयोग

आज कंप्यूटर का इस्तेमाल लगभग हर जगह किया जाने लगा हैं। यह आज मानव की सबसे बड़ी जरूरत बन गया हैं। इसके बिना जीना अब बहुत मुश्किल हैं। आइए जानते है अभी कंप्यूटर का इस्तेमाल कौन कौन से जगह पर किया जाता हैं।

  • Education – शिक्षा के क्षेत्र में – शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर का बहुत ही ज्यादा महत्व हैं। आजकल लगभग हर school में कंप्यूटर सिखाया जाता है ताकि बच्चों को भविष्य में किसी भी प्राकार का दिक्कत न हो।
  • Banking – बैंक में – पहले बिना कंप्यूटर के बैंक में बहुत ही दिक्कतों का सामना करना होता था। लेकिन अब Bank में कंप्यूटर के आ जाने से सभी काम बिल्कुल आसान हो गए हैं।
  • Hospital – चिकित्सा में – Hospital में भी कंप्यूटर का बहुत ही अहम रोल हो गया हैं। किसी भी प्रकार के इलाज के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  • Science – विज्ञान में – किसी भी प्रकार के रिसर्च सेंटर में कंप्यूटर के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं हैं।
  • Office – ऑफिस में – आज हर ऑफिस में आपको कंप्यूटर देखने को मिल जायेगा। इसके बिना कुछ भी संभव नहीं हैं।
  • Daily Life – दैनिक जीवन में – आज मानव को अपने दैनिक जीवन में कामों के लिए भी कंप्यूटर की जरूरत होती हैं।
  • Entertainment – मनोरंजन में – एंटरटेनमेंट के लिए भी कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता हैं।
  • Business – Business में भी बिना कंप्यूटर के बिज़नेस को चलाना बहुत मुश्किल होता हैं।

Importance of Computer – कंप्यूटर के महत्व

आज के समय आपको लगभग हर जगह ही कंप्यूटर देखने को मिल जायेगा। चाहें वह कोई ऑफिस हो या आपका घर हो या आपका कोई दुकान ही क्यों न हो। अगर आप एक विद्यार्थी हो या चाहें कोई हाउसवाइफ ही क्यों न हो।

छात्रों के जीवन में कंप्यूटर का क्या महत्व है?

आजकल छात्रों के जीवन में भी कंप्यूटर का बहुत महत्व हैं। हर स्कूल में आज कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाता हैं। ताकि हर बच्चे कोई कंप्यूटर का ज्ञान हो सके। क्योंकि जब वो बड़े हो जायेंगे तो उन्हें जिंदगी में बहुत जगह कंप्यूटर का जरूरत होने वाला हैं।

कंप्यूटर के ज्ञान के साथ हर विद्यार्थी अपने भविष्य का काफी उज्जवल बना सकता हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का क्या महत्व है?

आजकल हर जगह ही कंप्यूटर की जरूरत होती हैं। चाहें वह कोई school हो या फिर college या कोई यूनिवर्सिटी। हर जगह कंप्यूटर लगाने से काम आसान हो जाता हैं। जैसे अगर बच्चे को कोई information देना हो तो सबको बारी बारी से बताने से अच्छा कंप्यूटर के माध्यम से सबको एक बार में मैसेज करके बता देना।

चिकित्सा के क्षेत्र में कंप्यूटर का क्या महत्व है?

आजकल आप किसी भी हॉस्पिटल में जाए वहा आपको कंप्यूटर देखने को मिल जायेगा । किसी भी प्राकार का टेस्ट करवाना हो तो उसमे कंप्यूटर ही अहम रोल निभाता हैं।

आधुनिक जीवन में कंप्यूटर का क्या महत्व हैं?

आजकल हर किसी के घर में आपको लैपटॉप या डेस्कटॉप देखने को मिल जायेगा। कंप्युटर के मदद से लोग घर में एंटरटेनमेंट के साथ साथ जरूरी काम भी करते हैं।

बैंक में कंप्यूटर का क्या महत्व है?

आपको तो पता ही होगा कंप्यूटर के न होने से बैंको में कितना मुश्किल था कोई भी काम करना। कंप्यूटर के आ जाने से ही आज आप एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग जेसे सुबिधाओ का इस्तेमाल कर पा रहें हैं।

Advantage of Computer – कंप्यूटर के फायदे।

  • कम्प्यूटर में आप किसी भी प्रकार के Data को स्टोर करके रख सकते हैं।
  • कंप्यूटर के मदद से कोई भी काम आसान हो जाता हैं।
  • कंप्यूटर के मदद से आप एक ही समय में कई सारे अलग अलग काम कर सकते हैं।
  • कंप्यूटर के मदद से आप जितना चाहे उतना काम करवा सकते हैं।
  • कंप्यूटर के मदद से आप इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • आप कंप्यूटर से एंटरटेनमेंट कर सकते हैं।

Disadvantage of Computer – कंप्यूटर के नुकसान।

कंप्यूटर के जहां बहुत सारे फायदे होते है वही इसके बहुत सारे नुकसान भी होते हैं। तो कंप्यूटर के नुकसान –

  • कंप्यूटर के ज्यादा उपयोग करने से आंख को काफी नुकसान होता हैं।
  • कभी कभी कंप्यूटर के वजह से आर्थिक नुकसान भी हो सकता हैं।
  • बिना काम के कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से समय की बरबादी भी होती हैं।
  • कंप्यूटर के आ जाने से बहुत सारी नौकरियां भी खत्म हो गई हैं।

Future of Computer – कंप्यूटर का भविष्य।

अब हमेशा हर दिन कंप्यूटर अपडेट होता जा रहा हैं। रोज कुछ न कुछ नया क्या रहा हैं। तो भविष्य में कंप्यूटर का ही दुनिया होने वाला हैं। आने वाले समय कंप्यूटर के बिना शायद ही कुछ संभव हो सकेगा।

आपने Artificial Intelligence का नाम जरूर ही सुना होगा। इसपर बहुत तेजी से काम किया जा रहा हैं। आने वाले समय में Artificial Intelligence के मदद से बिना बोले ही कंप्यूटर के द्वारा कोई भी काम किया जा सकता हैं।

FAQs (Computer Kya Hai)

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?

Charles Babbage

Computer क्या है?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो डाटा को इनपुट में लेकर प्रोसेस करके आउटपुट में रिजल्ट देती हैं।

कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहते हैं?

संगणक

आधुनिक कंप्यूटर का जनक किसे कहा जाता हैं?

Alan Turing

भारत में पहला कंप्यूटर कब आया था?

सन् 1952 ई में कोलकाता के भारतीय विज्ञान संस्थान में।

Summary (Computer Kya Hai)

तो यहां मैने आपको बताया की Computer Kya Hai, इसके क्या फायदे और नुकसान हैं। इसका आविष्कार किसने किया। अगर आपने इस लेख को पूरा पढ़ा होगा तो निश्चित ही आपको कंप्यूटर से जुड़ी सारे सवालों के ज़बाब मिल गए होंगे।

तो अगर आपको हमारा यह पोस्ट Computer Kya Hai अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें।

Follow us on Facebook

2 thoughts on “Computer Kya Hai – कंप्यूटर के काम, प्रकार और महत्व।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *